2013, ജൂലൈ 20, ശനിയാഴ്ച
2013, ജൂലൈ 14, ഞായറാഴ്ച
रपट
- आप यह अंश छात्रों को दें ।
- इस घटना के आधार पर रपट तैयार करें ।
"बिजली
का झटका लगा । हाथी मर गया ।"
- वाचन करने का निर्देश दें ।
- प्रसंग समझाने केलिए ये प्रश्न पूछें।
- यह घटना क्या है ?
- घटना कब और कहाँ हुई ?
- घटना कैसे हुई ?
- घटना का परिणाम क्या था ?
- घटना का निर्णय क्या है ?
- …...................
- प्रश्नों पर विचार एकत्र करने का निर्देश दें ।
- पूछें, रपट लिखते समय ध्यान देने की बातें क्या-क्या हैं ?
- चर्चा एवं संक्षिप्तीकरण करें ।
- पूर्णता हो ।
- संक्षिप्तता हो ।
- उचित भाषा-शैली हो ।
- शीर्षक हो ।
- दो-तीन छात्रों से प्रस्तुत कराएँ ।
- आप अपना प्रस्तुतीकरण करें ।
दुर्घटना
में हाथी की मृत्यु
तोरपा :
कल शाम
को राँची शहर के तोरपा ब्लॉक
पर एक हाथी की मृत्यु हुई ।
तोरपा ब्लॉक घना जंगल है जिसके
बीच सडक है । इस सडक के किनारे
पर बिजली के खंभे हैं । बिजली
की तार नीचे गिरी थी और हाथी
उसमें टकरा गया । बिजली की
ज़ोरदार झटका लगने से उसकी
मृत्यु हुई । यहाँ के लोगों
ने बडे पैमाने में जंगल काटा
था । जिससे हाथी एवं अन्य जंगली
जानवरों केलिए निवासस्थान
और खाने की चीज़ों की लभ्यता
में बाधा हुई । कभी-कभी
हाथी आसपास के गाँवों में
जाकर गाँववालों को परेशानी
देते रहे । मरे हुए हाथी एक
बडा हाथी था और खबर मिलकर पुलिस
आ पहुँची । लेकिन हाथी के दाँत
गायब थे । पुलिस ने केस रजिस्टर
की और तलाश शुरू की ।
- तुलना एवं चर्चा करके परिमार्जन करने का अवसर दें ।
- पूछें, इस के मूल्यांकन सूचक क्या-क्या हैं ?
- चर्चा चलाएँ और निम्नलिखित मूल्यांकन सूचकों का परिचय दें ।
- आशय समझकर लिखा है ।
- उचित भाषा-शैली अपनाई है ।
- शीर्षक लिखा है ।
2013, ജൂലൈ 13, ശനിയാഴ്ച
-->रपट
गाय
के साथ ग्वाला का निर्दयत्व
फरूखाबाद
-
घर
में दुग्ध-दोहन
के लिए आए ग्वाले ने गाय को
गुड़ में लपेटकर सूई
खिलाई।पशु-चिकित्सकों
ने अनेक प्रकार के
निरीक्षण-परीक्षण,एक्स-रे
आदि द्वारा रोग निर्णय दिया
है।डाँक्टर ने बताया कि जब
यह सूई गाय के रक्त-संचार
के साथ ह्दय के पार हो जाएगी,तब
गाय की मृत्यु निश्चित है।सूई
की बात ज्ञात होते ही ग्वाला
अंतर्धान हो गया।
महादेवी
जी अपनी बहन श्यामा के घर से
एक बछिया लाईं। वह महादेवी
जी के अन्य पशु-पक्षियों
से हिल-मिलकर
रहने लगी। मान लें,
इस
संदर्भ में लेखिका अपनी बहन
श्यामा के नाम एक पत्र लिखना
चाहती हैं। लेखिका का वह संभावित
पत्र तैयार कीजिए।
अपनी
बहन श्यामा के नाम लेखिका
महादेवी जी का पत्र
फरूखाबाद-२,
८८-८८-८८८८.
प्यारी
बहन,
तुम
कैसी हो घर में सब कैसे हैं?
मैं
यहाँ ठीक हूँ।
तुम्हारे
घर से मैं जो बछिया लाई थी,
वह
भी बिलकुल अच्छी है। हमने उसका
नामकरण किया-
गौरांगिनी।
लेकिन हम उसे गौरा पुकारते
हैं। वह आजकल बहुत खुशी के साथ
रहने लगी है। हमारे अन्य
पशु-पक्षियों
के साथ वह हिल-मिलकर
रहने लगी है। हमारे कुत्ते-बिल्लियों
ने उसके पेट के नीचे और पैरों
के बीच में खेलना शुरू किया
है। जब तुमने एक गाय पालने का
उपदेश दिया था तब मैं संदेह
कर रही थी। लेकिन उसे देखते
ही गाय पालने के संबंध में
मेरी दुविधा थी वह निश्चय में
बदल गया था। क्योंकि उसका
पुष्ट सुंदर रूप मुझे बहुत
आकर्षित किया था। यहाँ आकर
वह ज्यादा सुंदर बनी है।
घर
में सबको मेरा हैलो बोलना।
शेष बातें अगले पत्र में।
तुम्हारी
बहन,
महादेवी
सेवा
में
श्यामा
......,
.......................,
........................
-->
कुछ
महीनों तक बीमारी से पीड़ित
रहकर अंत में एकदिन ब्रह्म
मुहूर्त में गौरा की मृत्यु
हुई। यह,
पशु-पक्षियों
को बहुत चाहनेवाली लेखिका
महादेवी जी को बहुत दुखदाई
रही। गौरा की मृत्यु के दिन
की महादेवी जी की डायरी तैयार
करें।
महादेवी
जी की डायरी
आज
भी मैं गौरा के पास बार-बार
जाती रही। ब्रह्म मुहूर्त
में चार बजे गौरा की मृत्यु
हुई। उसके पास पहुँचते ही उसने
अपना मुख सदा के समान मेरे
कंधों पर रखा,
और
वह एकदम पत्थर जैसा भारी होकर
मेरी बाँह पर से सरककर धरती
पर आ गिरा। उसकी मृत्यु भी
मेरी आँखों के सामने हुई।
मैंने कितने पशु-पक्षियों
को पाला है। लेकिन सबसे बड़ी
यही थी। वह भी मनुष्य के निर्मम
व्यवहार की शिकार बनकर!
हे
भगवान!
यह
व्यथा मेरे मन से कैसे दूर हो
जाएगी। मैंने गौरा के पार्थिव
अवशेष को भी गंगा माँ को समर्पित
किया। आज का दिन शोकमय रहा।
वार्तालाप
गौरा
की बीमारी के संबन्ध में महादेवी
वर्मा और डाक्टर के बीच हुए
वार्तालाप अपनी कल्पना के
अनुसार लिखिए।
महादेवी
- इसको
क्या हुआ डाक्टर ?
डाक्टर
– देखकर बताऊ । क्या यह दाना
चारा लेती है।
महादेवी
- कुछ
दिनों से यह नाम मात्र भोजन
ही खाती है।
डाक्टर
– इसका शरीर दुर्बल है।
महादेवी
- कारण
क्या होगा ?
डाक्टर
– एक्सरे से स्पष्ट है कि इसके
ह्रदय के अंदर एक सूई चुभी हुई
है।
महादेवी
- वह
कैसे हो सकता है ?
डाक्टर
– पता नहीं। दाना-चारा
के साथ अंदर चली होगी।
महादेवी
- लेकिन
दाना-चारा
हम ने ही दिया था।
डाक्टर
– गुड़ के अंदर सूई रखकर किसी
ने दिया होगा।
महादेवी
- वह
ग्वाला होगा । हम उससे ही दूध
खरीदती थी।
डाक्टर
– वह कहाँ है ?
महादेवी
- उसका
पता तक नहीं।
डाक्टर
– सूई से इसके मुँह में छेद न
हुआ है । वह सीधे अंदर चली
गई।इसको सेब का
रस
दो ताकिसूई पर काल्शियम जम
जाने और उसके न चुभने की संभावना
है।
महादेवी
- ज़रूर
दूँ।
डाक्टर
– एक इंजक्शन देता हुँ। दवाएँ
भीदेता हुँ।
महादेवी
- क्या
यह बच जाएगी ?
डाक्टर
- हम
कोशिश करें और प्रार्थना भी
करें।
महादेवी
- ठीक
है डाक्टर । धन्यवाद ।
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